नैनीताल, दिसम्बर 19 -- नैनीताल। उत्तराखंड जैव‑प्रौद्योगिकी परिषद् पटवाडांगर में 'उन्नत किसान‑ समृद्ध उत्तराखंड' विषय पर शुक्रवार को एक दिवसीय कृषक ‑वैज्ञानिक संगोष्ठी आयोजित की गई। परिषद् के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने उत्तराखंड और देश में पाई जाने वाली गाय-भैंस की विभिन्न प्रजातियों की दूग्ध उत्पादन क्षमता के बारे में बताया। कहा कि बद्री गाय की दूध उत्पादन क्षमता कुछ कम होने के बावजूद गुणवत्ता उच्च स्तर की होती है। कृषि व पशुपालन एक‑दूसरे के बिना अधूरे हैं और रोग‑ रोकथाम व उच्च गुणवत्ता वाले दूध उत्पादन के लिए गाय-भैंस व अन्य पशुओं का नियमित टीकाकरण अनिवार्य है। कृषि विज्ञान केंद्र ज्योलीकोट के वैज्ञानिक डॉ. बलवान सिंह ने गाय-‑भैंस के दूध की मार्केटिंग और उत्पादन बढ़ाने के उपाय बताए।

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