विकासनगर, नवम्बर 20 -- नवंबर में बारिश नहीं होने के कारण अभी तक ज्यादा सर्दी नहीं हुई है। मौसम के इस बदले मिजाज का असर सरसों की खेती करने वाले किसानों पर भी पड़ रहा है। सरसों की खेती करने वाले किसानों को न सिर्फ सिंचाई के लिए करीब दो हजार रुपये प्रति एकड़, बल्कि कई जगह दोबारा बीजाई के लिए करीब पांच से सात हजार रुपये प्रति एकड़ का अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ा है। पछुवादून के साथ ही जौनसार बावर में भी नवंबर माह में बारिश नहीं हुई। जिससे तापमान में गिरावट नहीं आई। इसके कारण सरसों की बिजाई के बाद होने वाला फुटाव (जर्मिनेशन) नहीं हो पाया। इससे कई जगहों पर किसानों को सरसों की फिर से बिजाई करनी पड़ी। बारिश न होने के कारण सिंचाई का भी अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ा। छरबा के किसान रूमीराम जायसवाल, भोजावाला के किसान रमन ठाकुर, दीवान सिंह लखरवाल ने बताय...
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