अयोध्या, जून 10 -- सोहावल,संवाददाता। एक पखवारे बाद भी विभाग गायब शीशम की कीमती लकड़ी को तलाश नहीं पाया है। अब जिम्मेदारों के सर पर रिकवरी की तलवार लटकने लगी है। सोहावल क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोटे का पुरवा शायद सहायक नहर के किनारे तेज आंधी और पानी के बीच 17 अप्रैल को शीशम के कुछ पेड़ उखड़ गए थे। ग्राम कोटे का पुरवा क्षेत्र स्थित बेशकीमती दशकों पुराने भारी भरकम शीशम के पेड़ का वन विभाग ने 18 मई को बोटा करवाया था। लकड़ी पर शारदा सहायक नहर सिंचाई विभाग के अधिकारी भी अपना मालिकाना हक जता रहे थे। दोनों विभागों की जुबानी जंग के बीच लकड़ी के बोटे गायब हो गए। रेंजर रत्नेंद्र कुमार त्रिगुणायक ने बताया कि वन दरोगा मिश्रीलाल को लकड़ी बगल के गांव देवराकोट स्थित नर्सरी में रखवाने को कहा गया था। लापरवाही हुई है तो दंड भुगतना पड़ेगा। लकड़ी बरामद न हुई तो इसके क...