बागपत, अगस्त 30 -- पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में मूसलाधार बारिश के चलते यमुना नदी उफान पर है। यमुना का पानी सैकड़ों किसानों की हजारों बीघा फसल को तबाह कर चुका है। इतना ही नहीं खेतों का कटान भी शुरू हो चुका है। शनिवार सुबह यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर पहुंच गया, जिससे दर्जनभर गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो चुका है। हथनीकुंड़ बैराज से यमुना नदी में छोड़े गए पानी के बाद दर्जनों गांवों में हालात बद से बदतर होने को हैं। छपरौली, टांडा, कुरडी, शबगा, बदरखा, जागोस, कोताना, नैथला, निनाना, निवाड़ा, बागपत, पाली, काठा, मवीकलां, सुभानपुर, नूरपुर और सांकरौद आदि गांवों का खादर क्षेत्र यमुना के पानी से लबालब हो गया है। पाली और नैथला गांव की सीमा को भी यमुना के पानी ने छू लिया...