रुद्रपुर, दिसम्बर 4 -- रुद्रपुर, संवाददाता। पं. राम सुमेर शुक्ल को तराई का संस्थापक कहे जाने पर किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा पं. राम सुमेर शुक्ल को तराई का संस्थापक कहा जाना क्षेत्र की जनता का अपमान है। वह न ही कभी तराई के संस्थापक थे, न कभी रहे हैं। जानबूझकर उन्हें तराई का संस्थापक बताकर स्थापित किया जा रहा है यह गलत है। बेहड़ ने कहा तराई को बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका पं. गोविंद बल्लभ पंत, मेजर एचएस संधू, एएनझा, केबी भाटिया, पं. लक्ष्मण दत्त भट्ट, खान बहादुर सरवत यार खान आदि की रही। तराई को बसाने में 31 लोगों की 1946 में तराई भाबर नाम की कमेटी बनाई गई। जिसमें कमेटी के प्रीमियर प्रधान पं. गोविंद बल्लभ पंत थे। पंत के द्वारा बाद में राम सुमेर शुक्ल को देखभाल को लगाया गया। जिसमें और भी कई विभिन्न वर्गों ...