गिरडीह, मार्च 20 -- गिरिडीह, प्रतिनिधि। पर्यावरण में घरेलू पक्षी गौरेया काफी उपयोगी पक्षी है। 20 मार्च को विश्व गौरेया दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य गौरेया के प्रति जागरुकता लाना है। इस उद्देश्य को सार्थक करते हुए गिरिडीह के सिहोडीह के एक दंपत्ति 15 साल से हर दिन गौरेया को संरक्षण रहे हैं। दंपत्ति कामेश्वर प्रसाद झा और उनकी पत्नी इंदू झा हर दिन गौरेया को दाना और पानी निरंतर देते आ रहे हैं। इंदू झा कहती हैं कि उनके पति बीमार रहते हैं। वे कहीं तीर्थ पर नहीं जा सकते हैं। गौरेया को नियमित रुप से दाना-पानी देने से काफी संतुष्टि मिलती है और एक तरह से तीर्थ की अनुभूति होती है। इंदू झा ने कहा कि गौरेया में दैवीय शक्ति होती है। गौरेया को दाना और पानी देने से पितरों को भी शांति मिलती है। कहा कि ये एक विलुप्त प्रजाति भी है। उन्होंने गौरेया को स...