मुजफ्फरपुर, अगस्त 6 -- मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। न्यू फोरलेन पताही में चल रहे महारुद्र यज्ञ सह श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन मंगलवार को कथा वाचिका पंडित गौरांगी गौरी ने गज और ग्रह की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि त्रिकूट पर्वत के मनोरम क्षेत्र में गजेंद्र नाम का एक भव्य हाथी रहता था। वह अपने हाथी समान परिजनों का अधिपति शासक था। उसका हराभरा निवास, ऋतुमत, सुंदरता और शांति का आश्रय स्थल था। एक दिन गजेंद्र और उसके परिवार ने नदी में ताजगी भरी डुबकी लगाने का निर्णय लिया। लेकिन, नीचे खतरा मंडरा रहा था। एक खूंखार मगरमच्छ ने गजेंद्र के पैर को जकड़ लिया और उसे गहराई में खींच ले गया। शक्तिशाली शरीर और अपार शक्ति होने के बावजूद गजेंद्र खुद को मगरमच्छ से मुक्त नहीं करा सका और जीवनभर के लिए संकटपूर्ण स्थिति में फंस गया। उसका परिवार किनारे से अस...