बागपत, जून 24 -- क्लीनिक संचालित करने वाले कई चिकित्सकों का फोकस अमूमन आगे चलकर इसे नर्सिंग होम में तब्दील करने का होता है। ऐसा देखने में भी आता रहा है, मगर इस बार पंजीकरण के मानक इतने अधिक सख्त किए गए हैं कि इसके असर से अभी तक नर्सिंग होम संचालित कर रहे कुछ चिकित्सकों ने अपने चिकित्सा संस्थान का पंजीयन क्लीनिक के तौर पर कराने का रुझान दिखाया है। चिकित्सा क्षेत्र के जानकार इसे उल्टी गंगा के तौर पर परिभाषित कर रहे हैं। इस बार प्रदेश में चिकित्सा संस्थानों का पंजीयन पांच साल के लिए होने की व्यवस्था लागू की गई है। चिकित्सा संस्थानों का पंजीयन कराने को निर्धारित मानक पूरे कराने पर फोकस किया जा रहा है। सभी निर्धारित मानक पूर्ण होने की स्थिति में ही किसी चिकित्सा संस्थान का पंजीयन क्लीनिक, नर्सिंग होम या अस्पताल के रूप में संभव हो पा रहा है, ले...