लखीमपुरखीरी, फरवरी 13 -- गांव की समस्याओं को दूर करने और प्रधान-सचिव की सहायता के लिए तैनात पंचायत सहायक खुद परेशानियों में घिरे हैं। कहीं उनके पास बैठनी की जगह नहीं तो कहीं काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। ग्राम पंचायत के साथ ही अन्य विभागों के काम भी उनके कंधे पर डाल दिए गए। परिवार की आईडी बनाने से लेकर खसरा-खतौनी से जुड़े काम करने पड़ रहे हैं। सबसे बड़ी परेशानी मानदेय को लेकर है जो दिहाड़ी मजदूरों से भी कम है। हिन्दुस्तान से पंचायत सहायकों ने अपनी समस्याओं पर बात की, अपनी परेशानी साझा की। ग्राम पंचायतों में तैनात पंचायत सहायकों का काम पंचायतों का लेखा जोखा तैयार करना है। प्रधान व सचिव की मदद करना और गांव की समस्याओं को दूर करना है। पर हजारों ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने का जिम्मा जिन पंचायत सहायकों पर है, वे खुद परेशानियों के मकड़जाल में उलझ...
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