चम्पावत, जुलाई 14 -- चम्पावत। पंचायत चुनाव में मतदाताओं को नोटा का विकल्प नहीं मिल पाएगा। जबकि लोस, विस और निकाय चुनाव में मतदाताओं को नोटा का विकल्प उपलब्ध था। इससे मतदाताओं को मनपसं प्रत्याशी नही मिलने के बाद भी किसी एक को वोट डालने की मजबूरी होगी। भारत निर्वाचन आयोग ने दिसंबर 2013 के विधानसभा चुनावों में ईवीएम में नोटा बटन का विकल्प उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। वोटों की गिनती की समय नोटा पर डाले गए वोट को भी गिना जाता है। नोटा में कितने लोगों ने वोट किया, इसका भी आंकलन किया जाता है। चुनाव विश्लेषक राकेश कुमार के अनुसार नोटा से ये जानकारी मिलती है कि कितने फीसदी मतदाता किसी भी प्रत्याशी को नहीं चाहते हैं। उन्होंने बताया कि जब नोटा की व्यवस्था होने से पूर्व मतदाता वोट नहीं दे कर विरोध दर्ज कराते थे। इसके समाधान के लिए नोटा का विकल्प ल...