समस्तीपुर, सितम्बर 26 -- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने पूसा की धरती को एक खास पहचान दी है। कृषि शोध व शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान देकर किसानों को निरंतर कुछ नया दिया है। बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बसे इस विवि ने धान, गेहूं, मक्का, हल्दी, मशरूम, शहद, गन्ना जैसी फसलों में अपनी उत्कृष्टता के लिए मान-सम्मान बढ़ाया है। बदलते समय में खेती के तौर-तरीकों में बदलाव हुए है। मजदूरों का आभाव किसानों को सता रहा है। उर्वरकों की कीमतों और समय पर उपलब्धता किसानों के लिए चुनौती रही है। तो दूसरी ओर बाढ़-सुखाड़ की समस्याएं हर वर्ष मुंह बाये खड़ी रहती है। पारिवारिक बंटवारा के बाद खेतों का रकबा लगातार छोटे हो रहे हैं। काफी कोशिशों के बाबजूद अधिकतर किसान अब भी परंपरागत खेती पर ही अटका है। उन्हेंं प्रोत्साहित करने वाले वैज्ञानिकों की किसानो...
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