लखीसराय, जुलाई 1 -- चानन। निज संवाददाता सरकार की तमाम योजनाओं और अधिकारियों के प्रयास के बावजूद भलूई पंचायत के रमलबीघा गांव का समुचित विकास नहीं हो सका है। यहां रहने वाले लोगों को उसका हक व अधिकार नहीं मिल पा सका है। यही वजह है कि सब कुछ रहने के बाद भी वह भूख, गरीबी, व बीमारी की चादर ओढ़े जिंदगी काटने को विवष है। यहां सच्चाई की जांच पड़ताल की जाए तो सुषासन का सच सामने आ जायेगा। यहां रहने वाले लोगों की दषा देखने से इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि यहां रह रही आबादी मूल रूप से बीमारी ओर गरीबी की चादर ओढ़े लाचारी की जिंदगी जी रहे है। कहने को तो पंचायत मुखिया द्वारा पी.एम आवास, विधवा, बृद्वा पेंषन का लाभ दिया गया है। लेकिन साक्षर और जागरूकता की कमी के बीच गरीबी एवं बीमारी से उसे कौन निजात दिलायेगा ? यह एक अहम सवाल है। स्वास्थ्य सेवाओं के ...