कन्नौज, नवम्बर 7 -- कन्नौज। जिले में 182 गो-आश्रय स्थल हैं, जिनमें लगभग 8,000 मवेशी रखे गए हैं। लेकिन आवारा कुत्तों के लिए अब तक कोई स्थायी शेल्टर नहीं बना है। नगर पालिकाओं के पास न तो पकड़ने के वाहन हैं और न ही प्रशिक्षित डॉग कैचर टीमें। नसबंदी अभियान पिछले कई महीनों से ठप पड़े हैं, जिससे कुत्तों की संख्या हर साल तेजी से बढ़ती जा रही है। स्थानीय निकायों के अधिकारी दावा करते हैं कि फंड की कमी और स्टाफ की अनुपलब्धता के कारण अभियान ठप पड़ा है। लेकिन इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है - खासकर बच्चों, बुजुर्गों और राहगीरों को। कन्नौज शहर के जिला अस्पताल, रेलवे स्टेशन, स्कूल, बाजार और बस स्टैंड के आसपास दिनभर आवारा कुत्तों के झुंड मंडराते रहते हैं। रात में यही कुत्ते सड़कों पर वाहनों का पीछा करते हैं और कई बार राहगीरों को काट भी लेते ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.