प्रयागराज, मार्च 24 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बदायूं के शिशुपाल, योगेन्द्र, भूप सिंह, बांके व अशोक उर्फ रोहतास को हत्या के आरोप में सत्र न्यायालय की सुनाई गई उम्रकैद की सजा रद्द करते हुए उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला एवं न्यायमूर्ति एमएएच इदरीसी की खंडपीठ ने राम भरोसे व अन्य की अपील पर उनके अधिवक्ता अपुल मिश्र व विवेक शुक्ल और सरकारी वकील को सुनकर दिया है। हाईकोर्ट ने अपील को स्वीकार करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने पहले ही सभी आरोपियों को साक्ष्य मिटाने के आरोप से बरी कर दिया था, जिसे चुनौती नहीं दी गई। अभियोजन पक्ष संदेह से परे परिस्थितिजन्य सबूतों की कड़ी साबित करने में नाकाम रहा। इस मामले में खून को केमिकल जांच के लिए भेजा गया लेकिन कोई रिपोर्ट नहीं आई। किसी हथियार की बरामदगी नहीं हुई। बाबू सिंह की हत्या ...