नई दिल्ली, जुलाई 28 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि न्यायिक सेवा परीक्षा के लिए न्यूनतम तीन साल की वकालत के नियम वाला 20 मई का उसका फैसला आने वाली भर्ती अधिसूचनाओं पर लागू होगा। इस आदेश से पहले जारी भर्ती अधिसूचनाओं पर उक्त फैसले का कोई असर नहीं होगा। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई के नेतृत्व वाली पीठ ने 20 मई को नए विधि स्नातकों के प्रवेश स्तर की न्यायिक सेवा परीक्षा में बैठने पर रोक लगा दी थी और न्यूनतम तीन वर्ष की वकालत का मानदंड तय कर दिया था। इस पीठ में न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया भी शामिल थे। पीठ ने सोमवार को नवीद बुख्तिया और पांच अन्य की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता पेशे से वकील हैं और उन्होंने जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग की 14 मई की भर्ती अधिसूचना को चुनौती दी थी, क्योंकि इसमें...