नई दिल्ली, अक्टूबर 29 -- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि देशभर में शुरुआती स्तर के न्यायिक अधिकारियों की वरिष्ठता तय करने के मापदंडों में राष्ट्रीय स्तर पर 'एकरूपता' लाने की जरूरत है, ताकि इन न्यायिक अधिकारियों के धीमे और असमान कॅरियर प्रगति की समस्या खत्म की जा सके। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली पांच जज की संविधान पीठ ने स्पष्ट किया कि उसका इरादा जज के लिए नामों की सिफारिश करने में उच्च न्यायालयों के अधिकारों में हस्तक्षेप करने का नहीं है। संविधान पीठ में न्यायमूर्ति गवई के अलावा न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची शामिल हैं। पीठ ने उच्च न्यायिक सेवा (एचजेएस) संवर्ग में वरिष्ठता निर्धारित करने के लिए राष्ट्रव्यापी मानदंड तैयार करने पर मंगलवार को सुनव...