मेघालय, अगस्त 15 -- भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि न्यायाधीश केवल अपने फैसलों के माध्यम से ही नहीं, बल्कि सहानुभूति के साथ नागरिकों की बात सुनकर सामाजिक घावों को भरने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। वह मेघालय उच्च न्यायालय में आयोजित 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ''कभी-कभी, किसी नागरिक की बात को धैर्यपूर्वक सुनना ही उसके घाव भरने का काम करता है।'' न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्रता केवल औपनिवेशिक शासन से ही मुक्ति नहीं, बल्कि मन और आत्मा की आंतरिक मुक्ति भी है। युवाओं से भारत की विविधता की रक्षा करने का आग्रह करते हुए, उन्होंने अपनी उद्यमशीलता ऊर्जा को बढ़ाने और उसे आत्म-प्रेरणा में बदलने का आह्वान किया। पूर्व प...