नई दिल्ली, अगस्त 11 -- वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) का राज्यस्तर पर गठन न होने के कारण लंबित वादों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अधिसूचना जारी होने के एक वर्ष बाद भी न्यायाधिकरणों का गठन नहीं हुआ है। इसके चलते उच्च न्यायालयों पर सुनवाई का बोझ बढ़ रहा है। लोकसभा की वित्त संबंधी स्थायी समिति (वर्ष 2024-25) ने जीएसटीएटी से जुड़ी संचालन प्रगति को लेकर चिंता जताई है। हाल में समिति द्वारा संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया कि जीएसटीएटी पूरे देश में संपूर्ण रूप से शुरू नहीं है, जो चिंताजनक है। सदस्यों, विशेषकर तकनीकी सदस्यों (राज्य) की नियुक्ति में काफी देरी हो रही है। अभी तक केवल उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र और गोवा से ही सिफारिशें प्राप्त हुई हैं। ऐसे में अपीलीय न्यायाधिकरण में लगातार हो रही देरी से जीएसटी की...
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