सिद्धार्थ, जून 4 -- सिद्धार्थनगर, हिटी। किसी भी शहर को डूबने से बचाने के लिए ड्रेनेज सिस्टम का बेहतर होना जरूरी होता है। शहर का हाल यह है कि नौ साल से ड्रेनेज प्लान लागू करने वाली फाइल इधर से उधर घूम रही है लेकिन उस पर अमल नहीं हो रहा है। इससे शहर को डूबोने के लिए पूरे दिन नहीं बल्कि तीन-घंटे की बारिश ही काफी हो जाती है। मोहल्ले जलभराव का शिकार तो होते ही हैं लोगों के घरों तक में भी बारिश का पानी घुस जाता है। 1988 में भगवान बुद्ध के नाम पर जिला बना तो लोगों को लगा कि विश्व में प्रेम, अहिंसा, करुणा का संदेश देने वाले की सरजमीं पर वह सारी सुविधाएं यहां के लोगों को मयस्सर होंगी जो एक शहरी को जरूरत होती है। चार दशक से अधिक का समय गुजर चुका है लेकिन ड्रेनेज प्लान का पता नहीं है। हर पांच साल पर नए बोर्ड का गठन होता है। चुनाव के दौरान लंबे चौड़े ...