सिद्धार्थ, अप्रैल 15 -- सिद्धार्थनगर, हिन्दुस्तान टीम। शहर को हर साल डूबने से बचाने के लिए नौ साल पहले ड्रेन प्लान बनाया गया था लेकिन आज तक उस पर कोई अमल नहीं हुआ इसी का नतीजा है तीन से चार घंटे की मूसलाधार बारिश में आधा शहर में पानी-पानी नजर आता है। सड़कों पर ही नहीं घरों तक में पानी घुस जाता है। इससे जनजीवन प्रभावित हो जाता है। बारिश का मौसम शुरू होने में दो माह का वक्त बचा है और लोग अभी से सहमे हैं कि क्या होगा। दरअसल शहर के आधे वार्ड के लिए बारिश अभिशाप बन जाती है। हर ओर जलभराव हो जाता है। सड़कें ही नहीं जलमग्न रहती हैं बल्कि लोगों के घरों में भी पानी भर जाता है। हालात ऐसे बन जाते हैं कि नीचे के घरों में रहने वालों को ऊंचे पर किसी अन्य के घरों पर सहारा लेना पड़ता है। ऐसा हाल सिर्फ सिसहनिया, खजुरिया का ही नहीं होता है बल्कि शेखनगर, आजा...