पूर्णिया, जून 23 -- केनगर, एक संवाददाता। नगर पंचायत चम्पानगर के दुर्गा मंदिर परिसर में 13 से 22 जून तक आयोजित दस दिवसीय राम कथा एवं शिव कथा के नौंवे दिन भी कथा वाचक वृन्दावन के सरल संत नारायण दासजी महाराज ले कथा किया। उन्होंने धनुष यज्ञ एवं राम विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि शिव धनुष टूटते ही आकाश में पुष्प वर्षा होने लगी। उन्होंने कहा कि ज्ञान, भक्ति और वैराग्य इन तीनों को पूर्णतः अलग नहीं किया जा सकता है। जिसको संसार से विराग नहीं होगा, उसको प्रभु पद में अनुराग नहीं होगा। फिर वह भक्ति क्या करेगा और यदि ज्ञान ही न हो भक्ति किनकी करें, कैसे करें तो वह क्या करेगा। जैसे चिड़िया को आकाश में उड़ने के लिए तीन चीजें चाहिए पग, पर और पूंछ। एक के अभाव में वह उड नहीं सकती। उसी तरह भक्ति में भी तीन बातें जरुरी है, ज्ञान, वैराग्य और योग्य। उल्लेखनीय ...