जयपुर, मई 12 -- राजस्थान हाई कोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि नौकरी से बर्खास्तगी मृत्युदंड के समान है। सिर्फ कारण बताओ नोटिस के आधार पर किसी को नौकरी से नहीं निकाला जा सकता। कोर्ट एक सरकारी कर्मचारी को नौकरी से निकाले जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान हाई कोर्ट ने आरोप पत्र या अनुशासनात्मक जांच के बिना बर्खास्त किए गए सरकारी कर्मचारी को बहाल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि सेवा से बर्खास्तगी का आदेश मृत्युदंड के समान है, जिसे निर्दोष व्यक्तियों को दंडित होने से बचाने के लिए उचित जांच के बाद ही पारित किया जा सकता है। जस्टिस विनीत कुमार माथुर एक शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षक (फिजिकल इंस्ट्रक्टर) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। उस पर धोखाधड़ी से नौकरी लेने का आरोप लगाते हुए कारण ...