प्रमुख संवाददाता, जून 1 -- यूपी की राजधानी लखनऊ में अवैध निर्माणों को अनदेखा करने वाले 25 इंजीनियरों पर अब रिटायरमेंट के बाद कार्रवाई की तलवार लटक गई है। लेकिन इस बार सवाल यह उठ रहा है कि जब ये अभियंता सेवा में थे, तब शासन और प्राधिकरण क्यों खामोश रहा? अब जब ये सभी अभियंता रिटायर हो चुके हैं, तब कार्रवाई की फाइल क्यों खुलवाई गयी। 10 वर्षों तक इन्हें क्यों दबाए रखा गया।संरक्षण देने का आरोप लखनऊ विकास प्राधिकरण में तैनात रहे 25 इंजीनियरों पर शहर में अवैध निर्माण कराने तथा उनके ध्वस्तीकरण न करने का आरोप लगाया गया है। इन इंजीनियरों ने निमार्णों की अनदेखी की। संरक्षण देने का भी आरोप है। इनमें एलडीए के तत्कालीन अवर अभियंता ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, रामचंद्र यादव, एसके अवस्थी, योगेश जौहरी, अनिल कुमार सिंह, कुलदीप त्यागी, आर एन चौबे, जनार्दन सिंह,...