गाजियाबाद, सितम्बर 7 -- गाजियाबाद जिले के सरकारी स्कूलों में तैनात कई शिक्षकों को सेवा के अंतिम पड़ाव पर टीईटी परीक्षा देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने जिले के बेसिक शिक्षकों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। शिक्षक संगठनों के मुताबिक, परीक्षा नहीं देने वालों को या तो खुद इस्तीफा देना होगा अथवा उन्हें निकाल दिया जाएगा। एक सितंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, नौकरी में बने रहने के लिए कक्षा एक से 8वीं तक के सभी शिक्षकों को दो साल में टीईटी परीक्षा पास करनी होगी। जिले के बेसिक स्कूलों में तैनात शिक्षक जहां दबी जुबान में फैसले का विरोध कर रहे हैं, तो वहीं शिक्षक संगठन खुलकर इसे अन्यायपूर्ण बता रहे हैं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महानगर अध्यक्ष अमित गोस्वामी ने बताया कि जिनकी सेवानिवृत्ति में केवल पांच साल ह...