नई दिल्ली, अप्रैल 5 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 'स्वतंत्रता के 80 साल पूरे होने को है, इसके बावजूद, सार्वजनिक क्षेत्र में पर्याप्त नौकरियां पैदा करना और सरकारी नौकरी पाने के इच्छुक लोगों को आकर्षित कर सकें, अब भी एक मायावी लक्ष्य बना हुआ है। जबकि देश में सरकारी नौकरी पाने के लिए इच्छुक योग्य उम्मीदवारों की कोई कमी नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि सार्वजनिक रोजगार की तलाश, पर्याप्त रोजगार के अवसरों की कमी के कारण विफल हो रही है। जस्टिस दीपांकर दत्ता और मनमोहन की पीठ ने देश में सरकारी नौकरियों की कमी और सीमित अवसरों के कारण योग्य उम्मीदवारों को रोजगार नहीं मिलने को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए यह टिप्पणी की है। पीठ ने उपरोक्त टिप्पणी करते हुए कहा कि 'यह मान लेना, जैसा कि बिहार सरकार (प्रतिवादी संख्या-1) की ओर से ...