नवादा, अक्टूबर 18 -- नवादा। राजेश मंझवेकर बीते 2020 के विधानसभा चुनावों में इनमें से कोई नहीं अर्थात नोटा के विकल्प ने एक महत्वपूर्ण और निर्णायक शक्ति के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 2025 का लोकसभा चुनाव भी कुछ ऐसा ही साबित हुआ था। इन चुनावों में नोटा को मिले वोटों की संख्या ने न केवल कई छोटे उम्मीदवारों को पीछे छोड़ दिया, बल्कि जिले की अधिकांश सीटों पर सिर्फ आमने-सामने वाले प्रमुख दलों के उम्मीदवारों को छोड़ कई बड़े और स्थापित उम्मीदवारों पर भी नोटा भारी पड़ा, जो मतदाताओं की मौजूदा राजनीतिक विकल्पों के प्रति गहरी निराशा को दर्शाता है। आधिकारिक आंकड़ों का विश्लेषण बताता है कि हजारों मतदाताओं ने अपनी असंतुष्टि व्यक्त करने के लिए नोटा का बटन दबाया, जिससे कई प्रत्याशियों का जनाधार नोटा के सामने फीका पड़ गया। नवादा विधानसभा सीट के आंकड़ों...