चंदौली, जुलाई 29 -- चंदौली। कृषि विज्ञान केंद्र में सोमवार को वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र रघुवंशी की अध्यक्षता में नैनो डीएपी का प्रदर्शन एवं गोष्ठी आयोजित की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि इसके नैनो डीएपी के प्रयोग से मृदा स्वास्थ्य बना रहता है। साथ ही फसल में किसी प्रकार के रोग एवं कीट कम लगते हैं। साथ ही फसलों के उत्पादन में भी वृद्धि होती है। पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है। कार्यक्रम में इफको के मयंक सिंह ने बताया कि नैनो डीएपी से बीज शोधन से तैयार नर्सरी में पांच लीटर पानी में 25 एमएल नैनो डीएपी डालकर जड़ शोधन कर धान की रोपाई की जा सकती है। इससे उर्वरक की आवश्यकता को लगभग 50 प्रतिशत काम किया जा सकता है। प्रत्येक सहकारी समितियों पर नैनो डीएपी और यूरिया उपलब्ध है। जल्द ही नैनो जिंक और नैनो कॉपर किसानों के बीच में उपलब्ध होगा। कहा कि आने वाले समय ...