नैनीताल, अक्टूबर 14 -- नैनीताल, संवाददाता। इस साल पूरे देश में जहां 20 अक्तूबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा, वहीं उत्तराखंड के कुमाऊं में दीपोत्सव एक दिन बाद यानी 21 अक्तूबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। पर्वतीय परंपराओं और स्थानीय पंचांगों के अनुसार कुमाऊं में कई त्योहर मैदानों की तुलना में एक दिन बाद मनाने की परंपरा है। इस अंतर का कारण केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि खगोलीय और भौगोलिक गणना से भी जुड़ा हुआ है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, कुमाऊं में रामदत्त पंचांग का अनुसरण किया जाता है जो 'निरयण प्रणाली पर आधारित है। जबकि देश के अधिकांश हिस्सों में 'सयण प्रणाली पर आधारित बनारस पंचांग चलता है। इन दोनों प्रणालियों में चंद्र दर्शन और सूर्योदय के समय में फर्क होने के कारण पर्वों की तिथियों में एक दिन का अंतर आ जाता है। इसी कारण पहाड़ों में लोग अगले ...