कुशीनगर, सितम्बर 8 -- कुशीनगर। त्रेता युग में जब रावण के अत्याचारों से पृथ्वी कांप उठी तब धर्म, संस्कार और नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए विष्णु ने दशरथ के घर राम रूप में जन्म लिये। अगर आज भी दशरथ जैसा चरित्र होगा, तो राम जैसी सन्तान की प्राप्ति अवश्य सम्भव होगी। बरवा सुकदेव गांव में रामजन्म की कथा सुनाते हुए आचार्य इंद्रजीत पांडेय पीली धोती ने कही। उन्होंने भये प्रकट कृपाला दीन दयाला, कौशल्या हितकारी.. की स्तुति के साथ की तो माहौल भक्तिमय हो गया। उन्होंने बताया कि अयोध्या नरेश राजा दशरथ द्वारा पुत्रेष्ठी यज्ञ करवाने के बाद विष्णु भगवान प्रकट हुए और उन्होंने माता कौशल्या को चतुर्भुजी रूप दिखाकर कहा कि वे शीघ्र ही आपके गर्भ से मनुष्य रूप में अवतार लेकर आएंगे। पुत्रेष्ठी यज्ञ का प्रसाद ग्रहण करने के बाद माता कौशल्या को राम, सुमित्रा को लक्...