आगरा, मई 14 -- चिकित्सा पर होने वाले शोधकार्यों में नैतिकता ही उसकी आत्मा है। इसके बिना शोधकार्य को मानव सेवा के लायक नहीं बनाया जा सकता। यह नसीहत एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने दी। वे बुधवार को इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी के 'वैज्ञानिक अनुसंधानों में मानव मूल्यों की सर्वोच्चता' नामक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। आयोजन सचिव डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि शोध में नैतिक दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए समाज के प्रति उत्तरदायित्व निभाया जाना चाहिए। इस दौरान सभी प्रतिकूल, अप्रत्याशित घटनाओं की जानकारी तत्काल आचार समिति और नियामक अफसरों को दी जानी चाहिए। आईसीएमआर-जालमा के उप निदेशक डॉ. राजकमल ने इन्फोर्मेड कंसेट के बारे में बताया कि इसकी एक प्रति शोध में शामिल प्रतिभागियों को देना अन्वेषक की जिम्मेदारी है। आईसीएमआर की ...