नई दिल्ली, अगस्त 24 -- पुष्परंजन, वरिष्ठ पत्रकार नेपाल इस बार भारत से कम और चीन से ज्यादा नाराज है। दरअसल, चीन ने उस नक्शे को मान्यता दी है, जिसमें लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को भारत का हिस्सा माना गया है। जाहिर है, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से नेपाल का विपक्ष सवाल कर रहा है कि आपने चीन को 'चुच्चे मानचित्र' यानी नया नक्शा क्यों नहीं भिजवाया था? यह 18 मई, 2020 की बात है, जब नेपाल का राजनीतिक मानचित्र संसद से पारित किया गया था। तत्कालीन सरकार ने नेपाल की सीमा में कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को शामिल करते हुए नए मानचित्र में नेपाल के 335 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को शामिल किया था, जिससे कुल क्षेत्रफल 147,181 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 147,516 वर्ग किलोमीटर हो गया। मगर इस नए मानचित्र को चीन और भारत के साथ साझा करना ओली सरकार भूल गई। इस ब...
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