सुपौल, जून 16 -- कुनौली, निज प्रतिनिधि इंडो-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र की कुनौली पंचायत में एक दशक पहले हुए जल प्रलय से तीन पंचायत के लाखों लोग अबतक प्रभावित हैं। नेपाल के नदियों के तांडव से जिन खेतों में सोना उपजता था, वहां अब जंगल भी नहीं उग रहा। खांडो सहित आधा दर्जन छोटी-बड़ी नदियों के कारण हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन पर बालू जमा हो गया है, जिससे खेत बंजर हो गई है। इससे पहले जमीन पर धान और गेहूं की अच्छी पैदावार होती थी। स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि बाढ़ तो हर साल आती है। यहां किसानों की फसल बर्वाद करके चली जाती है, लेकिन 24 जुलाई 2016 में आई भीषण बाढ़ ने तीन पंचायत के लोगों की जिंदगी ही तहस -नहस करके रख दी है। सैकड़ों से अधिक किसानों की हजारों एकड़ जमीन बंजर बन कर रह गई है। जिस जमीन पर पहले किसान एक बीघा में 15 क्विंटल धान और आठ क्विंटल गेहूं की फस...