पटना, सितम्बर 29 -- बिहार में ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को इंटरनेट पर साइबर ठगी भी सिखाया जा रहा है। यूआईडीआईए (आधार) की वेबसाइट तक अवैध तरीके से पहुंच रखने वाले मधेपुरा के सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) संचालक रामप्रवेश कुमार ने यू-ट्यूब वीडियो देख कर ही आधार पोर्टल का सॉफ्टवेयर अपलोड किया। फिर मात्र 1000 रुपये में यूसीएल (अपडेट क्लाइंट कोड) का सोर्स कोड खरीदकर पांच-छह वेबसाइट बनाई। इन वेबसाइट पर चुराये गये आधार बायोमेट्रिक डेटा को स्टोर किया गया। रामप्रवेश ने जामताड़ा के मुकेश महतो के लिए भी वेबसाइट बनाई, जो कि सुपौल सिम बॉक्स कांड मामले का नामजद अभियुक्त है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को सिम बॉक्स और आधार ठगी से जुड़े हाल के कई मामलों में आरोपितों को इंटरनेट से कंटेट मिलने की जानकारी मिली है।ईओयू ने लिखा पत्र इसे देखते हुए ईओयू ने सोशल मीड...