संवाददाता, जुलाई 15 -- यूपी के गोरखपुर के महिला अस्पताल में सोमवार को एक पति अपनी नेत्रहीन पत्नी को ठेले पर लेकर पहुंचा। लेकिन इस दंपती के साथ कर्मचारियों ने कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई। ओपीडी के परामर्श में ही करीब चार घंटे लग गए। इस दौरान कर्मचारी दंपती की मदद की बजाए उनसे एमसीएच विंग और पुराने भवन के बीच चक्कर लगवाते रहे। तेनुआ गांव की रहने वाली 26 वर्षीय रंजना छह महीने की गर्भवती है। उसकी दोनों आंखों की रोशनी छिन चुकी है। उसके शरीर में सूजन हो रही हैं। सोमवार को पति बालेश्वर उसे ठेले पर बैठाकर इलाज के लिए महिला अस्पताल लाए। यहां वह पति बालेश्वर का हाथ पकड़कर एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग तक दौड़ती रहीं। हेल्पडेस्क से उसे कोई मदद नहीं मिली। किसी स्वास्थ्यकर्मी को उनकी पीड़ा नहीं दिखी। पहले वह एमसीएच विंग पहुंची। घंटे भर कतार में खड़े होने...