जमशेदपुर, अक्टूबर 10 -- शहर के लोगों में नेत्रदान के प्रति जागरूकता काफी कम है। लोग आवेदन देते हैं और शपथ लेते हैं, लेकिन नेत्रदान के लिए आगे नहीं आते। यही कारण है कि पिछले 30 वर्षों में मात्र 158 नेत्रदान हुए हैं। जमशेदपुर को मिनी मेट्रो कहा जाता है और यहां सभी समुदाय के लोग रहते हैं, लेकिन नेत्रदान में जैन समुदाय के लोग अव्वल हैं। शहर में नेत्रदान करने वाली पहली आई डोनर काशीबेन कोठारी भी जैन समुदाय से ही थीं। आंकड़ों के अनुसार, नेत्रदान करने वालों में 70 से 75 प्रतिशत जैन समुदाय के हैं, जबकि अन्य समुदाय के लोगों की संख्या मात्र 25 से 30 प्रतिशत है। शहर में नेत्रदान की दिशा में काम करने वाली संस्था रोशनी की संस्थापक तरुबेन गांधी कहती हैं कि अन्य समुदाय के लोगों को भी नेत्रदान के लिए आगे आना चाहिए, तभी प्रयास सफल होगा। जून 2025 तक हुए 158...