बिहारशरीफ, अक्टूबर 9 -- चुनाव चौपाल : वन मिनट नेताओं में अब नहीं दिखती सादगी, नालंदा की गलियों से गायब हो गई जनसंपर्क की आत्मीयता चुनाव के पहले गलियों में हाथ जोड़ने वाले नेता जीतते ही बन जाते हैं मिस्टर इंडिया राजनीति से खत्म होती जा रही है सादगी, ताम-झाम के आगे आम जनमानस तरसता है मिलने को लोगों को नेताओं से मिलने के लिए भी करनी पड़ती है पैरवी वादों की झड़ियां लगाने वाले नेता भूल जाते हैं अपनी ही जनता और उनकी समस्याओं को 70 के दशक में नेता टोली बनाकर साइकिल से करते थे जनसंपर्क, अब तो फर्राटे भरी गाड़ियों की होती है सवारी वाहनों के काफिलों के आगे गरीब गुरबा लोग मिलने तक नहीं जुटा पाते हैं हिम्मत चुनाव के दौरान गरीबों के हमदर्द बनने वाले नेता ही बाद में करते हैं उनकी उपेक्षा राजनीति की बदलती जा रही गरिमा, नेता बनते ही बदल जाता है उनका रसूख और ...
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