चित्रकूट, जून 3 -- चित्रकूट, संवाददाता। बिरजू महाराज कथक संस्थान लखनऊ, संस्कृति विभाग एवं आनंदेश्वरम संगीत अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में सात दिवसीय कथक नृत्य कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। जिसका मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर अतिथियों व प्रशिक्षकों ने शुभारंभ किया। कथक नृत्य के प्रशिक्षण में काफी संख्या में बालिकाएं हिस्सा ले रही है। समाजसेवी गणेश मिश्र ने कहा कि नृत्य एक कला है। नृत्य शरीर की गति का एक रुप है। इसके शास्त्रीय, लोक, आधुनिक नृत्य विभिन्न रुपों में है। यह शारीरिक-मानसिक साधना है। आत्मानुशासन के जरिए इसे निखारा जा सकता है। कहा कि नृत्य संगीत कठोर तपस्या का फल है जो मन मस्तिष्क को ऊर्जा से भर देती है। नृत्यांगना आकांक्षा श्रीवास्तव ने कहा कि कथक शब्द का पारंपरिक प्रयोग कथक नृत्य से लिया जाता है। कथक शब्द ...