मुजफ्फरपुर, अक्टूबर 11 -- स्थान :: छाता चौक -जब चुनावी नारों ने गढ़़ा बिहार में सरकार का तानाबाना, चौपालों में चुनाव के चटख रंग मुजफ्फरपुर : बिहार में कुछ चुनावी नारे इतने मशहूर हुए कि सरकारें बन गईं। चुनाव की घोषणा के बाद से चौक-चौराहों जबरदस्त चौकड़ी लगी है। चौपालों में चटखरे लेने वालों की भी कमी नहीं है। इस बार दो चरणों में चुनाव को वे लोग कुछ ऐसे ले रहे-'पहले वो आपके चरण में होंगे फिर आप उनके चरण में...।' मानों उनके लिए तकिया कलाम हो चला है। हिंदी साहित्य के छात्र श्यामनंदन प्रसाद ने फरमाया-नेताओं पर भरोसा क्या करना! उनके भरोसे में भी सियासतें निकलीं कुर्बतों में भी फासला निकला...! साहित्यकार गीतेश फरमाते हैं कि उनके भरोसे में भी राजनीतिक दांव-पेंच और दूरियां रहती हैं, और कितनी भी नजदीकियां रहें उसके बावजूद फासला मौजूद रहता है। नेताओं...
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