भागलपुर, अगस्त 15 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता। महात्मा गांधी ने 1917 में सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत बिहार के चंपारण से की थी। गांधी जी ने नील की खेती करने वाले किसानों के साथ अन्याय के खिलाफ आवाज उठायी थी। इस दौरान अंग्रेज अधिकारी ग्रांट की योजना थी कि भागलपुर के बिहपुर व सोनबरसा इलाके में नील की खेती किसान करें। किसानों को अपने खेत के एक हिस्से में नील की खेती कर बहुत कम कीमत पर अंग्रेजों को नील बेचना पड़ता था। बिहार सरकार के अभिलेखागार से प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, भागलपुर में इसका विरोध क्रांतिकारी स्वरूप कुमार ने किया। विरोध को दबाने पहुंचे 22 अंग्रेज सिपाहियों को स्वरूप कुमार व उनके साथियों ने मार कर गंगा में फेंक दिया था। इस घटना के बाद ब्रिटिश सरकार ने किसानों की मांग स्वीकार करते हुए नील की खेती की व्यवस्था को खत्म कर दिया था। यह ...