नई दिल्ली, सितम्बर 22 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि नीलामी नोटिस प्रकाशित होने के बाद कर्जदार संपत्ति को मुक्त नहीं करा सकते, क्योंकि सरफेसी अधिनियम के तहत ऋणदाता बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बिक्री प्रमाण-पत्र जारी होने के बाद खरीदार को अविभाज्य अधिकार मिल जाते हैं। न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि सरफेसी अधिनियम की धारा 13(8) में 2016 में किया गया संशोधन, जो ऋणदाता द्वारा नीलामी नोटिस प्रकाशित करने के बाद कर्जदार के संपत्ति को मुक्त कराने के अधिकार को समाप्त कर देता है। न्यायमूर्ति पारदीवाला ने 140 पन्नों के फैसले में कहा कि हम वित्त मंत्रालय से आग्रह करते हैं कि वह इन प्रावधानों पर गंभीरता से विचार करे और जरूरी बदलाव लाए, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। पीठ ने कहा कि सरफेसी अधिनियम को...