धनबाद, नवम्बर 10 -- धनबाद, विशेष संवाददाता नीरज हत्याकांड से बरी होने के बाद पहली बार झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलकर बात की। संजीव सिंह बोले कि नीरज हत्याकांड में नाम आना उनके जीवन की सबसे बड़ी पीड़ा है। शायद यह पीड़ा जीवनभर के लिए है। बार-बार जेहन में अभी भी एक ही सवाल आता है कि आखिर संजीव सिंह को मामले में आरोपी क्यों बनाया गया। 13 भाई-बहन एक घर में बचपन से जवानी तक रहे। नीरज के साथ गुजारे दिनों की कई यादें हैं। हत्या करने की बात तो दूर, सोच भी नहीं सकता है। ऐसे में आरोप लगना और साढ़े आठ साल जेल में बिताना बहुत पीड़ादायक रहा। किस मनोदशा से गुजरा हूं, यह शब्दों में बयां नहीं कर सकता। संजीव ने कहा कि जेल जाने से ज्यादा दुख आरोपी बताए जाने से था। अंदर ही अंदर मन बेचैन रहता था। वह बेचैनी आज भी है। ह...