लखीसराय, जुलाई 27 -- लखीसराय, हिन्दुस्तान संवाददाता। 'शहीदों की चिताओं पर हर वरस मेले, वतन पर मरने वालों का यहीं बाकी निशां होगा... यह पंक्तियाँ कारगिल युद्ध के शहीद नीरज कुमार की वीरता और बलिदान की गाथा को बयां करती हैं। 26 साल पहले, 12 जुलाई 1999 को कारगिल की बर्फीली चोटियों पर भारत माता का तिरंगा फहराते हुए सूर्यगढ़ा प्रखंड के अमरपुर पंचायत के सिंगारपुर गांव के इस सपूत ने अपनी शहादत दी। शहीद नीरज, जो बटालिक सेक्टर में 22 ग्रेनेडियर्स के लांस नायक थे, ने घुसपैठियों से वीरतापूर्वक लड़ते हुए अंतिम सांस तक देश की रक्षा की। इस युद्ध में उन्होंने तीन घुसपैठियों को मार गिराया, लेकिन दुश्मन की तोपों का निशाना बनने के बाद उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। उनकी शहादत ने सूर्यगढ़ा का नाम रोशन किया, मगर आज उनकी स्मृति में किए गए वादे अधूरे पड़े हैं, जो उ...