पटना, जुलाई 26 -- हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के गठन की कहानी दिलचस्प है। हम ने सरकार, तकरार और फिर सत्कार की सियासी यात्रा तय कर एक मुकाम हासिल किया है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर जदयू 38 सीटों पर लड़ा और उसे सिर्फ दो पर ही जीत मिली। हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आधा दर्जन बार के विधायक तथा महादलित समाज से आने वाले जदयू विधायक और तत्कालीन मंत्री जीतन राम मांझी को सीएम का पद सौंप दिया। 20 मई 2014 को मांझी ने सीएम पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री बनने के कुछ महीने बाद ही मांझी के फैसलों और तेवर पर पार्टी में सवाल उठने लगे। जदयू नेता असहज महसूस करने लगे। मांझी और पार्टी नेतृत्व में संवादहीनता की स्थिति बन गई। इसके बाद नीतीश कुमार ने 12 फरवरी 2015 को 130 विधायकों क...