नई दिल्ली, नवम्बर 5 -- बिहार विधानसभा चुनावों में इस बार रोजगार का मुद्दा सबसे बड़ा और ज्वलंत सवाल बनकर उभरा है। 2020 के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने पहली कैबिनेट बैठक में 10 लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया था, जिसने युवाओं को खासा आकर्षित किया। इसके जवाब में, NDA को 20 लाख नौकरियों के सृजन की घोषणा करनी पड़ी थी। पांच साल बाद भी सरकार और विपक्ष दोनों के बड़े-बड़े वादों के बावजूद, अबकी बार बिहार की युवा पीढ़ी (Gen Z) इन घोषणाओं पर आसानी से यकीन नहीं कर रही है। पिछले पांच वर्षों में राज्य में भर्ती परीक्षाओं के रद्द होने, पेपर लीक होने और कई मौकों पर छात्रों और पुलिस के बीच झड़पों को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखे गए हैं। इस बार तेजस्वी यादव ने सत्ता में आने पर हर परिवार में एक सरकारी नौकरी देने का वादा क...