हिन्दुस्तान ब्यूरो, सितम्बर 14 -- वर्ष 2013 में भाजपा से अलग होने के बाद 2015 तक गैर एनडीए दलाें के समर्थन से जदयू की सरकार चली। 2015 के चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में गैर एनडीए दलों का महागठबंधन बना। इसमें राजद और कांग्रेस शामिल थे। दूसरी तरफ भाजपा के नेतृत्व में लोजपा, हम और रालोसपा का एनडीए गठबंधन था। दोनों के बीच जोर आजमायीश हुई। महागठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला। 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत से भाजपा का उत्साह चरम पर था। उसे लग रहा था कि हर हाल में सरकार उसकी ही बनेगी। उधर, नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन को अपनी वापसी का पूरा भरोसा था। नीतीश कुमार ने 115 विधायकों के बावजूद केवल 101 सीटों पर चुनाव लड़ा। इतनी ही सीट राजद को मिली, जबकि कांग्रेस को 41 सीटें दी गयी। जदयू के कई विधायकों का टिकट कटा। पिछली बार जदयू ने 141 सी...
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