आरा, मई 13 -- -स्वामी युगल शरण ने आध्यात्मिक प्रवचन में भक्तों के प्रकार की व्याख्या की आरा। निज प्रतिनिधि ब्रज गोपिका सेवा मिशन की ओर से आरा शहर के रामलीला मैदान में आयोजित 20 दिवसीय प्रवचन शृंखला के 17 वें दिन पूज्य स्वामी युगल शरण जी ने भक्तों के प्रकार की व्याख्या की। कहा कि अन्यभिलाषिता शून्य के आधार पर दो प्रकार के भक्त होते हैं। इसमें सकाम भक्त और निष्काम भक्त है। भगवान कहते हैं जो मेरा निष्काम भक्ति करता है, मैं उसके हाथों बिक जाता हूं। निष्काम प्रेम क्या है? निष्काम प्रेम का अर्थ है भगवान की इच्छा में अपनी इच्छा को जोड़ देना। भगवान की इच्छा जो है, वही मेरी इच्छा। सेवा का अर्थ होता है स्वामी की इच्छा में इच्छा रखना। स्वामी की क्या इच्छा, वे जानते हैं। वह जो आज्ञा देंगे, उसका पालन करना मेरा धर्म है। कर्म और ज्ञान को भक्ति की जरूरत ...