सिमडेगा, नवम्बर 16 -- सिमडेगा, छोटू बड़ाईक । जिले के खेतों में इस समय धान, मूंगफली, मड़ुआ आदि के सुनहरे फसल लहलहा रही है। लहलहाती फसल के बीच किसानों की मेहनत का रखवाली करने के लिए एक अनोखा प्रहरी भी खड़ा है। वह है पुआल, पुराने कपड़ों और बांस की टहनियों से बना "पुतला"। यह पुतला भले ही निर्जीव हो, लेकिन किसानों के लिए यह डराने वाला ढांचा के साथ खेतों में लगी फसलों की सुरक्षा और उम्मीद का भरोसेमंद साथी से कम नहीं है। किसानों का मानना है कि यह पुतला उनके खेतों में लगी फसलों की चिड़िया, बंदर, चूहा, जंगली सुअर और अन्य जानवर से फसलों की रक्षा करता है। फसल तैयार होते ही जब खेतों की ओर चिड़िया, बंदर, चूहा, जंगली सुअर और अन्य जानवरों का झुंड आकर्षित होते हैं। ऐसे में खेत के बीचोंबीच खड़ा यह पुतला उन जीवों को भ्रमित करता है कि खेत में कोई इंसान मौजू...
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