रांची, मई 20 -- रांची। एसीबी की विशेष अदालत ने मंगलवार को 25 साल पुराने अवैध नियुक्ति घोटाले मामले की सुनवाई करते हुए ट्रायल फेस कर रहा आरोपी तत्कालीन कनीय अभियंता आलोक कुमार घोष को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। सुनवाई के दौरान एसीबी की ओर से कुल 13 गवाहों को प्रस्तुत किया गया था। लेकिन आरोपी पर लगे आरोप को साबित नहीं किया जा सका। 1975-1996 तक बिहार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था। 975- 1996 तक तृतीय और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति में आलोक कुमार घोष भी शामिल थे। मामले को लेकर निगरानी ने साल 2000 में प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले में 6 मार्च 2018 को आरोपी के खिलाफ आरोप गठित किया था।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...