लातेहार, अप्रैल 22 -- बेतला, प्रतिनिधि। वन विभाग में सेवा नियमावली कोई खास मायने नहीं रखता। नियुक्ति के बाद वनरक्षियों की प्रोन्नति या स्थानांतरण,सेवा नियमावली पर नहीं, बल्कि संबंधित वनाधिकारियों के मर्जी पर निर्भर करता है। यही वजह कि वर्ष 2017 ई में नियुक्त वनरक्षियों को आठ वर्ष बीत जाने के बाद भी अबतक उन्हें न तो कोई प्रोन्नति मिली और न ही स्थानांतरण हुआ। नतीजतन वे अबतक सेवा योगदान किए एक ही जगह पर पिछले आठ वर्षों से जमे हुए हैं। जबकि सेवा नियमावली में नियुक्ति के पांच वर्ष बाद से ही प्रोन्नति देने का प्रावधान है।यहां बता दें कि वर्ष 2017 ई में लातेहार जिले में सेवा योगदान दिए कुल 242 वनरक्षियों में 163 ने पीटीआर में कार्यभार संभाला था। इनमें 53 ने पीटीआर के नॉर्थ डिवीजन में और 110 ने साऊथ में योगदान दिया था। पर बाद में किसी कारण से 63 ...
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