नई दिल्ली, नवम्बर 20 -- सुप्रीम कोर्ट के जज संजय करोल ने गुरुवार को इस बात पर अफसोस जताया कि वरिष्ठ नियामक पदों पर कार्यरत कॉरपोरेट महिलाओं को अब भी रणनीतिक जिम्मेदारियों के बजाय कम महत्वपूर्ण भूमिकाओं में ही रखा जा रहा है। न्यायमूर्ति करोल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित 'विधिक सेवाओं पर राष्ट्रीय सम्मेलन 2025' में भाषण दे रहे थे। सम्मेलन का विषय 'भारत का कानूनी परिदृश्य: व्यवसायों और अर्थव्यवस्था का समर्थन करते हुए परिवर्तन की दिशा में मार्गदर्शन' था। शीर्ष अदालत के जज ने कहा कि अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) में निहित संवैधानिक प्रतिबद्धताओं को कॉरपोरेट बोर्डरूम में 'न्यायसंगत आर्थिक शासन' के लिए शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब भी महिलाओं का 'बोर्डरूम, ...